Monday, September 17, 2018

सबसे बड़ी चीज तजुर्बा


 

एक बहुत बड़ा जहाज  एक बार खराब हो गया । बड़े-बड़े इंजीनियरों ने सुधारने की कोशिश की, लेकिन कोई लाभ न हुआ । इसी बीच किसी ने मालिकों को एक बुजुर्ग का नाम सुझाया । वह इंजीनियर नहीं था । उसके पास कोई डिग्री डिप्लोमा भी नहीं था ।










वह अपने समय का जाना-माना मकैनिक था, और इस क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने के बाद अब नाती-पोतों के साथ समय बिता रहा था । उसे बुलाया गया । उसकी दशा देखकर मालिकों को भरोसा ही नहीं हुआ कि वह इतने बड़े और जटिल जहाज के बारे कुछ जानता भी होगा । बुजुर्ग ने भारी भरकम इंजन का ऊपर से नीचे तक मुआयना किया ।










उसने हर चीज को टटोलकर देखा । उसने इंजन के पुर्जे नहीं खोले । इंजन का निरीक्षण समाप्त करने के बाद उसने अपना औजारों वाला बैग खोला और उसमें से एक छोटी सी हथौड़ी निकाल ली । बुजुर्ग ने उस छोटी हथौड़ी से इंजन पर एक जगह हल्के प्रहार किए । और इसके साथ ही, वह घरघर कर चलने लगा । बुजुर्ग ने हथौड़ी वापस बैग में रख ली। उसका काम हो चुका था I










एक हफ्ते के बाद मालिकों को उसकी तरफ से 10 हज़ार रुपये का बिल मिला I हालाँकि इंजन को बड़े-बड़े इंजीनियर भी ठीक नही कर पाये थे और इस चक्कर में काफी पैसा खर्च हो चुका था, बावजूद इसके उन्हें 10 हज़ार रुपये बहुत ज्यादा लगे I यह इंसानी फितरत ही है, जो काम हो जाने के बाद किसी के योगदान को कम आंकने लगती है I उन्हें लगा,सिर्फ दो-तीन हथौड़ी मारने के 10 हज़ार रुपये ! यह तो कोई ज्यादा काम नही हुआ I










तो उन्होंने उस मकैनिक को लिखा कि आप डिटेल बिल भेजें,जिसमे अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग चार्ज का विवरण हो I कुछ दिनों बाद उन्हें नया बिल मिला,




जिसमे बुजुर्ग ने यह विवरण दिया था :

हथौड़ी से चोट करने के …… 20 रुपये

यह जानने के लिए कि चोट कहाँ करनी है…...9980 रुपये
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